जुलाई 2022 में महावन के रंगीन खीर मोहन की बिक्री पर लगी थी रोक
जुलाई 2022 में महावन के रंगीन खीर मोहन की बिक्री पर लगी थी रोक
-वर्षों से बच्चा बच्चा जानता है महावन में कैसे बनता है खीरमोहन, विभाग को अब हुई जानकारी
मथुरा। खाद्य विभाग द्वारा जून 2022 में तहसील महावन में संचालित रंगीन खीर मोहन के कारखानों से लिए गए चारों सैंपल जांच में फेल हो गए, यह रिपोर्ट जुलाई 2022 में विभाग को प्राप्त हुई, इसके बाद विभाग ने जिले में रंगीन खीर मोहन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही बिक्री करते पाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
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तत्कालीन सहायक आयुक्त डा0 गौरी शंकर ने कहा था कि लोग इन रंगीन खीर मोहन का सेवन न करें। इसका प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, यदि कोई व्यक्ति इसका विक्रय या वितरण करता है तो उसकी सूचना कलेक्ट्रेट कंपाउंड स्थित खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के कार्यालय में दें ताकि संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जा सके, जांच के लिए जो नमूने लखनऊ भेजे गए थे, उनमें निर्धारित मात्रा से अधिक रंग व प्रतिबंधित रंग पाया गया था, यह रंग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया है।
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उपजिलाधिकारी महावन कंचन गुप्ता, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी धीरेंद्र प्रताप सिंह और खाद्य निरीक्षक रामनरेश के नेतृत्व में टीम ने महावन की दर्जनों मिठाई दुकानों पर कार्रवाई की, जांच के दौरान, रमण बिहारी खीर मोहन भंडार से सूखे दूध का पाउडर बरामद किया गया। इन नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद दोषी दुकानदारों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, दूध की कमी और बढ़ती लागत के कारण मिठाई में मिलावट का चलन बढ़ गया है। इस कार्रवाई से मिलावटखोरों में खलबली मच गई है जबकि आम जनता ने इस अभियान की सराहना की है ।







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