मथुरा तीन साल से पराली जलाने में दर्ज करा रहा है पहला नम्बर
मथुरा तीन साल से पराली जलाने में दर्ज करा रहा है पहला नम्बर
-जनपदभर में औसतन करीब 50 हजार हेक्टेयर में होती है धान की खेती
-कटाई के समय हुई बरसात से किसानों के लिए पराली निस्तारण बन गया है चुनौती
मथुरा । जनपद में प्रतिवर्ष औसतन करीब 50 हजार हेक्टेयर रकबा में धान की रोपाई की जाती है जबकि बाजरा की खेती करीब 40 हजार हेक्टेयर में होती है, मौसम के मिजाज का भी असर रहता है, यह रकबा कम या ज्यादा भी हो सकता है, मुख्यतः छाता, मांट और गोवर्धन तहसील में धान की रोपाई की जाती है, हालांकि जनपद की सभी तहसीलों में धान कम या अधिक किसान रोपते ही हैं, हर साल पराली जलाने की समस्या भी सामने आती रहती है ।
.jpg)
जिला प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद मथुरा जनपद में पराली जलती रही है, विगत तीन वर्ष से पराली जलाने के मामले में प्रदेश भर में मथुरा पहले नंबर पर है, इस बार भी मथुरा में पराली जलाने के मामले सामने आ रहे है, धान कटाई तक सामान्यतः एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने की घटनाएं सामने आती हैं, अभी तक जिले में करीब एक सैकड़ा घटनाएं हो चुकी हैं, इस बार धान किसानों के लिए खेत से धान को उठाना और पराली का निस्तारण करना मुश्किल हो गया है ।
.jpg)
धान कटाई के समय हुई जोरदार बरसात से खेतों में पानी भर गया और धान भी पानी में गिर गया। जिससे धान खराब हुआ है और किसानों के लिए धान की कटाई करना मुश्किल हो गया है। किसी तरह किसान धान की बालियों को काट कर निकाल रहे हैं तो ऐसे में पराली खेत में ही रह जा रही है। जिसका निस्तारण पानी सूखने पर किसान पराली में आग लगा कर कर रहा है, यही मुशीबत की जड साबित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन लगातार कार्यवाही कर रहा है, बिना एसएमएस (स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम) के चल रही चार हार्वेस्टर मशीनों को भी सीज करने की कार्रवाई की गई, प्रशासन इस मामले में सख्त रुख अपना रहा है ।
.jpg)
इस घटना से एक दिन पहले कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में जिलाधिकारी सीपी सिंह के आदेश पर ग्राम विकास अधिकारी नीरज कुमार बुखरारी को निलंबित किया गया था, छाता तहसील के ग्राम हताना में पराली जलाने से रोकने पर लेखपाल और ग्राम विकास अधिकारी पर हमला किया गया, इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, तहसीलदार छाता सचिन पंवार ने बताया कि हताना गांव में पराली जलाने से रोकने के दौरान लेखपाल योगेंद्र सिंह और ग्राम विकास अधिकारी राकेश कुमार के साथ मारपीट की गई थी, कुछ 15 लोगों को पाबंद किया गया है ।
.jpg)







.jpeg)











