देवउठनी एकादशी से शुरू होंगे मंगल कार्य, गूंजेंगी शहनाइयां
देवउठनी एकादशी से शुरू होंगे मंगल कार्य, गूंजेंगी शहनाइयां
मथुरा । चार महीने तक चलने वाले चातुर्मास के समाप्त होते ही अब शुभ कार्यों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है, देवशयनी एकादशी से निंद्रा में गए भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर जागेंगे, इस पावन अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा, अखिल भारतीय मैथिल ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पं0 रामदेव भारद्वाज ने बताया कि इस वर्ष देवउठनी एकादशी की तिथि एक नवंबर की सुबह 9:11 बजे से आरंभ होकर दो नवंबर की सुबह 7:31 बजे तक रहेगी, ऐसे में रविवार को देवठान पर्व मनाया जाएगा ।
शास्त्रों में एकादशी तिथि का अत्यंत महत्व बताया गया है, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को देव प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, उन्होंने बताया कि देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक के चार महीनों में विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं क्योंकि इस अवधि में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के जागरण के साथ ही शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत हो जाती है, नगर के मंदिरों में श्रद्धालु भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करेंगे, देवउठनी के साथ ही बैंड बाजों की धुनों और शहनाइयों की गूंज एक बार फिर सुनाई देगी ।







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