युवक के साथ 90 हजार की साइबर ठगी, खाते में कराये वापस
युवक के साथ 90 हजार की साइबर ठगी, खाते में कराये वापस
पुलिस ने साइबर क्राइम को लेकर लोगों को किया जागरूक, बताए तरीके
मथुरा । जनपद की साइबर सेल टीम द्वारा पीड़ित का जानकार बनकर पीड़ित के खाते से यूपीआई के माध्यम से ठगी की गई धनराशि कुल 90 हजार रुपये को आवेदक के खाते में वापस कराये, सूरज कुमार पुत्र तेजवीर सिंह निवासी ग्राम नगला उदय सिंह अवैरनी थाना बलदेव के साथ साइबर अपराधी के द्वारा आवेदक का जानकार बनकर बैंक खाते से यूपीआई के माध्यम से हुई धोखाधड़ी कर अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाइल पर ओटीपी भेजकर, पीड़ित के खाते से 90 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए थे।

पीड़ित द्वारा ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी गयी थी तथा आवेदक द्वारा तत्काल साइबर सेल मथुरा पहुंचकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी दी, पीड़ित द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी व प्रस्तुत किये गये बैंक खाता स्टेटमेन्ट पर तत्काल साइबर सेल मथुरा द्वारा कार्यवाही करते हुए अज्ञात व्यक्ति द्वारा निकाले गये रुपये के सम्बन्ध में संबंधित बैंक, मर्चेन्ट से समन्वय स्थापित करते हुए पीड़ित के साथ हुई ठगी के कुल 90 हजार रुपये को आवेदक के खाते में वापस कराया, पीड़ित द्वारा पुलिस व साइबर टीम की इस कार्यवाही की भूरी भूरी प्रशंसा की गयी, कार्यवाही करने वाली टीम में एसआई आशीष मलिक प्रभारी साइबर सेल, एसआई उत्तम सिंह भड़ाना साइबर सेल आदि थे ।
पुलिस ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर उस कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट से ही प्राप्त करें, कोई भी बैंक अधिकारी फोन पर कभी भी आपसे एटीएम खाते क्रेडिट कार्ड अन्य से सम्बन्धित जानकारी नहीं मांगता इसलिए कभी भी फोन काल पर अपने बैंक से सम्बन्धित जानकारी शेयर ना करें। किसी भी क्यूआर कोड से पेमेंट लेते, देते समय यह अवश्य चेक करें कि क्यूआर कोड पेमेंट लेने वाला है या देने वाला है। किसी भी प्रकार का साइबर क्राइम होने पर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराये। फोन पर आने वाली काँल पर रिश्तेदार बनकर बातें करने वाला व्यकित फ्राड़ हो सकता है ।
डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है, डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं, डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है, डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं, इस दौरान वे लोगों से वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं और इसी बीच केस को खत्म करने के लिए पैसे भी ट्रांसफर करवाते रहते हैं।







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