बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर तीसरे दिन भी जारी रहा धरना
बार एसोसिएशन चुनाव को लेकर तीसरे दिन भी जारी रहा धरना
-वकीलों ने दिये अपने-अपने तर्क, चुनाव की मांग को लेकर आंदोलन जारी
मथुरा । बार एसोसिएशन कार्यालय के बाहर एक नवम्बर से चल रहा धरना प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन जारी रहा। बार एसोसिएशन मथुरा के वार्षिक चुनाव कराए जाने को लेकर अधिवक्ता आंदोलित हैं, चुनाव मैदान में उतर रहे प्रत्याशियों के अलावा अन्य अधिवक्ता शाम को बड़ी संख्या में शामिल हुए।
वक्ताओं का कहना है कि जब पूर्व में चुनाव सात नवंबर को हुए जिसका की शपथ ग्रहण 14 नवंबर को हुआ, फिर इस बात को बार के अध्यक्ष व सेक्रेटरी के द्वारा कहना बड़ा ही हास्यपद है कि चुनाव कराने के लिए उन्हें समय चाहिए। जबकि उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि चुनाव सात नवंबर तक हो जाने चाहिए थे फिर भी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव के द्वारा चुनाव की षड्यंत्र के तहत घोषणा नहीं की गई और न ही कोई तैयारी की गई।
उन्होंने कहा कि जब चुनाव का समय आया तो उनके द्वारा तैयारी न होने का बहाना बनाते हुए चुनाव की तिथियां की घोषणा नहीं की जा रही है। कार्यकाल खत्म हो जाने के बावजूद भी अभी तक किसी एल्डर कमेटी की घोषणा नहीं की गयी है। यह इस बात को बताता है कि बार एसोसिएशन मथुरा के अध्यक्ष व सचिव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं करना चाहते हैं और इसी कारण से चुनाव की तिथियों को बार काउंसिल के आदेश का हवाला देते हुए नहीं करना चाहते हैं तथा टालना चाहते हैं। समय अवधि पूर्ण हो जाने के बावजूद भी अभी तक एल्डर कमेटी की कोई घोषणा नहीं की है।
धरने में पूर्व सचिव राजकुमार उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष इंद्र कुमार वशिष्ठ, पूर्व सचिव राघवेंद्र सिंह, सचिव प्रत्याशी पूजा वर्मा, अटल फौजदार, अटल फौजदार, रमाकांत भारद्वाज, चौधरी भगवान सिंह वर्मा, बृजेश शर्मा, सुरेश चंद पाठक, देवेंद्र पाल सिंह, गोपाल प्रसाद शर्मा, त्रिलोकचंद शर्मा, भानु प्रकाश गौतम, पंकज गोला, शैलेंद्र दुबे, अरविंद सिंह, मनमोहन शर्मा, अश्वनी शुक्ला, रामकृष्ण भारद्वाज, प्रेम प्रकाश पाठक, संगीता शर्मा, लोक गौतम, सुशील सागर, शमशेर सिंह, योगेश तिवारी, देवेंद्र सिंह, प्रवीण भास्कर, राम सिंह, रामविलास शर्मा, संजय परिहार, सौदान सिंह, जयप्रकाश, जयकुमार, विनोद सिंह, योगेश जादौन, करण सिंह, तन सैनी, त्रिलोक कुमार, बल्लभ वर्मा, अभय सिंह, अजय सिंह, देवराज सिंह यादव, योगेंद्र कुमार चतुर्वेदी, विवेक कनौजिया, सतीश चतुर्वेदी, अवधेश कुमार चतुर्वेदी, अनोखी शर्मा, सुरेश कुमार पांडे आदि सैकड़ों अधिवक्ताओं द्वारा अपने विचार रखें गये ।







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