"रुकती सांसों" को वापस लाने की कोशिश है "सीपीआर प्रशिक्षण"
"रुकती सांसों" को वापस लाने की कोशिश है "सीपीआर प्रशिक्षण"
रेडक्रॉस सोसायटी मथुरा इकाई द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर में 500 छात्रों ने किया प्रतिभाग
मथुरा । "सीपीआर प्रक्रिया" अचानक हार्ट अटैक से दम तोड़ती सांसों को वापस लाने की कोशिश है, इसी प्रक्रिया को जन जन तक पहुंचाने के अभियान के अंतर्गत भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की मथुरा शाखा द्वारा श्री कृष्ण चंद्र गांधी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, मंगलवार को आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यालय के 500 से अधिक छात्रों के साथ शिक्षकों और स्टाफ ने भी भाग लिया, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों, विद्यार्थियों, सुरक्षा सेवाओं से जुड़े कर्मियों तथा आम जनता के बीच सीपीआर (हृदयगति रुकने पर जीवन रक्षक तकनीक) के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना और प्रशिक्षण देना है ।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी मथुरा के जनपद सचिव अमृत लाल खंडेलवाल के मार्गदर्शन में हुआ, सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का महत्व बताते हुए रेड क्रॉस सोसाइटी की सीपीआर कार्यक्रम संयोजक डॉ0 विनीता गुप्ता ने विद्यालय के छात्रों को रेडक्रॉस और हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर की आवश्यकता के बारे में बताया, कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी डॉ0 रोहताश मीणा ने सीपीआर तकनीक का प्रदर्शन किया और बताया कि यह ऐसा तरीका है जिसमें बिना किसी उपकरण के दम तोड़ते व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

रेडक्रॉस सोसाइटी के जनपद संयोजक शिवकुमार और प्रबंध समिति के सदस्य राकेश अग्रवाल(गिलट वाले) और डॉ0 चंद्र प्रकाश राजौरिया ने कार्यक्रम की व्यवस्थाएं संभाली, विद्यालय की ओर से रेड क्रॉस पदाधिकारियों का पटका पहना कर स्वागत किया गया, विद्यालय के प्रधानाचार्य विनय कुमार सिंह ने रेड क्रॉस के पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भविष्य में ऐसे कार्यक्रम कराने की बात कही, कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता विनय कुमार ने किया, इस अवसर पर एक्सीलेंट कंप्यूटर्स के निदेशक श्याम सुंदर गौतम, दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे ।







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