साइबर ठगी के गढ़ देवसेरस में पुलिस ने चलाया "ऑपरेशन जामताड़ा"
साइबर ठगी के गढ़ देवसेरस में पुलिस ने चलाया "ऑपरेशन जामताड़ा"
-भारी पुलिस बल और गाड़ियों का काफिला देख चौंके ग्रामीण, पगडंडियों से घेरे चार गांव
-छापेमारी के दौरान हिरासत में लिये गये 42 लोग, हर पहलू पर की जा रही है पूछताछ
-स्थानीय पुलिस को नही दी ऑपरेशन की जानकारी, सुबह 5 बजे से दोपहर 11 बजे तक चला अभियान
मथुरा । जनपद के भरतपुर बॉर्डर से लगे गांवों में फैला साइबर ठगों के जाल को काटने के लिए मथुरा पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही की है, इस कार्यवाही को मिनी जामताड़ा पर सर्जिकल स्ट्राइक कहा जा रहा है, यहां तक कि स्थानीय पुलिस को भी इस कार्यवाही की भनक तक नहीं लगने दी गई, ऑपरेशन को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था, तडक़े चार सौ पुलिसकर्मियों ने रेड मारी और खेतों की पगडंडियों से चार गांव में पहुंच कर सर्च ऑपरेशन चलाया और अपराधियों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करीब 42 लोगों को हिरासत में लिया हैं ।
फिलहाल पुलिस साइबर अपराधों के संबंध में हर एंगल से पूछताछ कर रही हैं, साइबर अपराधियों के गढ़ देवसेरस गांव को मिनी जामताड़ा के नाम से जाना जाता है, पुलिस ने सुबह करीब पांच बजे भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा उस वक्त लोग सो रहे थे, साइबर फ्रॉड के अपराधियों के विरुद्ध वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण तथा अपर पुलिस अधीक्षक अपराध के नेतृत्व में कुल 4 अपर पुलिस अधीक्षक, 4 क्षेत्राधिकारी, 26 इंस्पेक्टर सहित कुल 300 पुलिसकर्मियों द्वारा थाना गोवर्धन के गांव देवसरस, मुडसेरस, दौलतपुर तथा नगला कटिया को आने जाने वाले समस्त रास्तों पर नाकाबंदी करके सर्च ऑपरेशन किया गया। कुल 42 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया जिनसे कुछ संदिग्ध व आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है जिनमें से आठ लोग पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं ।
साइबर टीम के द्वारा तथा स्थानीय पुलिस के द्वारा गहनता से पूछताछ की जा रही है, सत्यता के आधार पर कठोर कार्यवाही की जा रही है, पुलिस उन्हें अलग-अलग गाड़ियों से लेकर रवाना हो गई, हिरासत में लिए लोगों को पुलिस कहाँ लेकर गई इसकी जानकारी साझा नहीं की हैं, ऑपरेशन जामताड़ा के तहत छापेमारी पुलिस की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा था जिसमें जिले के कई थानों का बल शामिल था, पुलिस ने अपराधियों के संभावित ठिकानों पर गहन तलाशी ली, ऑपरेशन की गोपनीयता बनाए रखने व किसी भी हस्तक्षेप से बचने के लिए स्थानीय थाना पुलिस, क्षेत्राधिकारी और इलाके के एडिशनल एसपी को इससे दूर रखा गया था ।
सूत्रों के अनुसार साइबर ठगों ने किसी बड़े नेता के अकाउंट को खाली कर दिया है जिसमें से करोड़ों रुपये निकाल लिए हो, नेता की शिकायत के बाद देवसेरस के सहित चार गांव में बडी छापेमारी कार्यवाही की गई और गांव को घेर कर लोगों को बाहर नहीं जाने दिया, पुलिस ने लोगों से घंटों पूछताछ की, पुलिस को आशंका है कि हिरासत में लिए लोगों के तार बड़े साइबर क्राइम रैकेट से जुड़े हो सकते हैं, पुलिस का यह अभियान जिले में संगठित अपराधों, विशेषकर साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संकेत है, जांच अधिकारियों ने पूरे ऑपरेशन जामताडा को गोपनीय रखा, उन्होंने पहले से किसी को अधिकारी को इसकी सूचना नहीं दी, स्थानीय थाना पुलिस, क्षेत्राधिकारी और इलाका एडिशनल एसपी को भी इससे दूर रखा गया था। केवल कुछ चुनिंदा अधिकारियों को ही इस ऑपरेशन की जानकारी दी गई ।
ऑपरेशन जामताड़ा के चार गांव में करीब पांच घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया गया, साइबर अपराधियों के गढ़ देवसेरस गांव को मिनी जामताड़ा के नाम से जाता है, एसपी देहात सुरेश चन्द्र रावत ने बताया कि देवसेरस सहित चार गांव में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है जिसमें 4 एसपी, 4 सीओ, 26 इंस्पेक्टर के अलावा 300 कांस्टेबल और पीएसी के जवान ऑपरेशन में शामिल रहे, हिरासत में लिए गए लोगों से साइबर सेल, एसपी क्राइम और अन्य अधिकारी शामिल थे, साइबर ठग, थाना क्षेत्र के गांव चार गांव देवसेरस, मुडसेरस, दौलतपुर, अंगला अकातिया गाँव के चारों तरफ के रास्तों की नाकाबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया गया है जिसमें 42 लोगों को हिरासत में लिए गए है जिसमें आधार कार्ड मोबाइल, आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है, साइबर टीम पूछताछ कर रही है और डाटा को खागलते हुए अपराधियों का डाटा मिलान में लगी हैं, जो लोग दोषी पाये जायेंगे उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी ।







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