बिजली विभाग की ’धौंस’ से बढ़ा उपभोक्ताओं का ब्लड प्रेशर
बिजली विभाग की ’धौंस’ से बढ़ा उपभोक्ताओं का ब्लड प्रेशर
-अधिकारियों तक लगातार पहुंच रहीं हैं विद्युतकर्मियों के व्यवहार की शिकायतें
मथुरा । सर्द मौसम में भी विद्युत उपभोक्ताओं के पसीने छूट रहे हैं। जनपद में सभी मीटरों को बदला जा रहा है। पहले से लगे हुए बिजली के मीटरों को प्रीपेड में तब्दील किया जा रहा है, जनपद में करीब साढ़े पाचं लाख विद्युत उपभोक्ता है, दो लाख मीटरों को बदलने का पहला चरण पूरा हो चुका है अब दूसरे चरण में काम चल रहा है। वहीं सरकार और विभाग बकायेदरों को बिजली बिल का बकाया जमा करने के लिए प्रेरित कर रहा है ।
तीन चरणों में दिसंबर से फरवरी तक चलने वाले ओटीएस योजना भी इस समय चल रही है, बडे बकायेदारों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। विजिलेंस टीम बडे बकायेदारों के दर पर दस्तक दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पहुंच रहे कर्मचारियों के व्यवहार की शिकायत लगातार अधिकारियों तक पहुंच रही हैं। इसी बीच मीटर लगाने को लेकर उपभोक्ताओं और विभागीय कर्मियों के बीच नोकझोंक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वृंदावन के व्यापारी नेता धनेंद्र अग्रवाल बॉबी ने इस व्यवस्था का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यदि जबरदस्ती और दबाव का यही रवैया रहा, तो आने वाले समय में आम लोगों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उनका कहना है कि जनता में भय और असमंजस का माहौल बनाया जा रहा है। अधिशासी अभियंता एके कपिल ने स्थिति पर सफाई की है। स्मार्ट मीटर को लेकर जनता में यह भ्रांति फैली हुई है कि इससे बिल ज्यादा आएगा या परेशानी होगी जबकि यह पूरी तरह गलत है।
अधिशासी अभियंता ने यह भी स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य बिजली कंपनी की मैनपावर को कम करना और व्यवस्था को पारदर्शी बनाना है। सभी मीटर कर्मियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी स्थिति में उपभोक्ताओं से नोकझोंक न करें और सरल तरीके से मीटर बदलने का कार्य करें, क्योंकि वर्तमान में लोग भ्रम के कारण भावनात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि मीटर बदलने का पूरा खर्च विभाग वहन कर रहा है, उपभोक्ताओं पर किसी प्रकार का अतिरिक्त भार नहीं डाला जा रहा। फिलहाल जो स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, वे पोस्टपेड मोड में हैं, हालांकि भविष्य में इन्हें प्रीपेड में बदला जा सकता है।
अधिशासी अभियंता ने यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर के जरिए मोबाइल पर डिजिटल बिल उपलब्ध कराया जाएगा और मीटर रीडरों की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। विभाग ने बीच की सभी प्रक्रियाओं को खत्म कर उपभोक्ता और विभाग के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने का निर्णय लिया है, आने वाले समय में डीडी और चेक के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था भी समाप्त कर पूरी प्रक्रिया को डिजिटल किया जाएगा। फिलहाल मथुरा जिले में स्मार्ट मीटर को लेकर स्थिति असमंजस की बनी हुई है और दोनों पक्षों की दलीलों के बीच आम उपभोक्ता असमंजस में है ।







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