यमुना एक्सप्रेस वे : मंगलवार तड़के भीषण हादसे में 13 की मौत, 80 घायल
यमुना एक्सप्रेस वे : मंगलवार तड़के भीषण हादसे में 13 की मौत, 80 घायल
-यमुना एक्सप्रेस के माइल स्टोन 127 पर हुआ भीषण हादसा, बताई जा रहा है ऐतिहासिक हादसा
-मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना, मृतकों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा
-घने कोहरे की बजह से टकराईं आठ बस, तीन कार, धूं धूं कर जल उठे वाहन, प्रशासन ने संभाली कमान
-मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी और एसएसपी, पहुंची जिले भर की एम्बुलेंस व दमकल विभाग की गाड़ियां
मथुरा । जनपद में मंगलवार की सुबह कोहरा ने कोहराम मचा दिया, सुबह करीब 4.30 बजे यमुना एक्सप्रेस वे पर आगरा से नोएडा की तरफ माइलस्टोन 127 पर कोहरा ज्यादा होने की बजह से लो विजिबिलिटी के कारण आठ बस व तीन छोटी गाड़ियां आपस में टकरा गईं जिसके बाद वाहनों में आग लग गई, चिकित्सकों ने प्रारंभिक परीक्षण में 13 व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया है, हादसे में 70 से 80 लोग घायल हुए हैं, घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं चार शवों की डीएनए जांच कराई जा रही है ।

शनिवार की सुबह बलदेव क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर मंगलवार तड़के हुए भीषण सड़क हादसे के बाद का मंजर रोंगटे खड़े कर देने वाला था, घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम थी और इसी बीच एक के बाद एक वाहनों की टक्कर होती चली गई, देखते ही देखते सात बसें और तीन कारें आग की चपेट में आ गईं, इस भयावह हादसे में अभी तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि कई शव इस कदर जल चुके हैं कि उनकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है, आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कई यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला, कुछ ही मिनटों में बसें और कारें आग का गोला बन गईं ।
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दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, जब आग बुझी और राहतकर्मी बसों के भीतर पहुंचे तो वहां का दृश्य दिल दहला देने वाला था, बसों से कंकाल, खोपड़ियां और अधजली लाशें निकाली गईं, आग की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक्सप्रेस वे की सफेद लेन मार्किंग तक पूरी तरह पिघल गई थी, कई शव बसों की सीटों से चिपके हुए मिले, जिन्हें पुलिस और राहतकर्मियों ने सावधानीपूर्वक बाहर निकाला, सभी शवों को 17 बैग में रखकर पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है, हादसे के बाद एक्सप्रेस वे पर मातम भरा अफरा तफरी का माहौल बना रहा, अपनों को खो चुके परिजनों की चीख पुकार और एंबुलेंस के सायरन की आवाजें हर किसी का दिल चीर रही थीं, घायल अपने परिजनों को तलाशते हुए बदहवास हालत में इधर उधर भटकते नजर आए, मौके पर मौजूद लोग भी इस दृश्य को देखकर स्तब्ध रह गए।

हादसे के बाद आगरा कमिश्नर शैलेन्द्र सिंह व डीआईजी शैलेश पांडेय, जिलाधिकारी एसपी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार ने बचाव और राहत कार्यों की कमान सम्हाली, अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना, हादसे के बाद जनपदभर की एम्बुलेंस को घटना स्थल की ओर रवाना कर दिया गया था, दमकलों को भी घटनास्थल पर लगा दिया गया, पानी की कमी नही हो इसके लिए लगातार टैंकर पानी सप्लाई करते रहे, दोनों ओर का यातायात करीब दो घंटे तक पूरी तरह से बाधित रहा, आग पर काबू पाने के बाद शवों को बाहर निकालने का अभियान शुरू किया गया, राहत और बचाव कार्य में प्रशासन पूरी तरह जुटा रहा, करीब 14 एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुंचाने में लगी रही जबकि 11 दमकल गाड़ियों ने आग बुझाने का काम किया, दमकल कर्मियों को पानी की कमी नही हो, इसके लिए टोल प्लाजा के पास ही टैंकरों की व्यवस्था की गई थी, हादसे में मारे गए 13 लोगों में से फिलहाल सिर्फ तीन की ही शिनाख्त हो सकी है, बाकी शवों की पहचान डीएनए जांच के जरिए कराई जाएगी ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है, प्रदेश के मुखिया ने दिवंगतों के शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है तथा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि घायलों को तत्काल, समुचित एवं निःशुल्क उपचार सुनिश्चित करते हुए उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए, मुख्यमंत्री ने हादसे में दिवंगत के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के निर्देश दिये हैं, घायलों को जिला चिकित्सालय के अलावा आसपास के स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी भर्ती कराया जा रहा है, घायलों की संख्या 70 से 80 बताई जा रही है जिनमें से कई की हालत बेहद गम्भीर है, घायलों की हालत देखकर आशंका जताई जा रही है कि मृतकों का आंकडा और बढ सकता है ।

वहीं जिला प्रशासन ने पीड़ितों और उनके परिजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डॉ पंकज कुमार वर्मा के मोबाइल नंबर 9454417583 और एसपी ग्रामीण सुरेश चंद्र रावत के मोबाइल नंबर 9454401103) से संपर्क किया जा सकता है, हादसे के बाद जली हुई सात बसों और तीन कारों को हाइड्रा मशीनों की मदद से एक्सप्रेस वे से हटाया गया जिसके बाद यातायात को धीरे धीरे बहाल किया गया, यमुना एक्सप्रेस-वे के माइल स्टोन-127 पर मंगलवार तड़के हुए सड़क हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है ।
जिला मजिस्ट्रेट चंद्र प्रकाश सिंह ने आदेश दिए हैं कि यह कमेटी हादसे को कारणों को बताती हुई रिपोर्ट 48 घंटे में सौंपेगी, इस कमेटी के अध्यक्ष अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन अध्यक्ष होंगे, इसके अलावा अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण), अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग और सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मथुरा भी शामिल किए गए हैं, वहीं एक मां ने दो बच्चों को तो बचा लिया लेकिन खुद जल गई, हमीरपुर राठ की रहने वाली 42 साल की पार्वती अपने दो बच्चों प्राची और शनि के साथ नोएडा से अपने पति गोविंद के पास लौट रही थी, अचानक बस टकरा गई और उसमें तेजी से आग लग गई, पार्वती ने बिना कुछ सोचे अपने दोनों बच्चों को बस का कांच तोड़कर बाहर निकाल लिया लेकिन वह खुद नहीं निकल पाई।
जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि सभी घायल खतरे से बाहर हैं, 13 लोग हमारे बीच नहीं रहे हैं, मुख्यमंत्री ने संवेदना व्यक्त की है और जो घायल हैं उनके समुचित इलाज के निर्देश हम लोगों को दिये हैं, उपचार कराया भी जा रहा है, लोगों को निर्देश दिये हैं कि कोहरा गिर रहा है, इस तरीके की व्यवस्था की जाए जिससे इस तरह की घटना की पुर्नावृत्ति नही हो, एक रोडवेज की बस थी, सात प्राइवेट बस थीं जो जल गई हैं, घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी, एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है जिसमें यमुना एक्सप्रेस वे पर आठ बसें और छोटे वाहन दुर्घटना ग्रस्त हुए थे, आग लगने के कारण वहां से जो भी मलवा मिला था उसे मोर्चरी भेजा गया था, चिकित्सकों की टीम द्वारा उसका परीक्षण किया गया है, 13 लोगों की मृत्यु होना प्रकाश में आया है, चार बॉडी का डीएनए परीक्षण कराया जा रहा है, उनके संबंधी आते हैं तब मिलान कराया जा सके, जो बॉडी आइडेंटीफाई हो गई हैं उनकी दाह संस्कार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है, पुलिस की ओर से एक एफआईआर भी कराई जा रही है जिससे इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच हो सके ।







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