थाने में नहीं इंसाफ, मिला अपमान", छाता कोतवाली पर गंभीर आरोप
थाने में नहीं इंसाफ, मिला अपमान", छाता कोतवाली पर गंभीर आरोप
-भाजपा मण्डल मंत्री के साथ कथित अभद्र व्यवहार से कटघड़े में आया पुलिस प्रशासन
मथुरा । देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुसार, बताया जाता है कि पुलिस जो कि आमजन की रक्षक ही नहीं, जनता की हर मुसीबत में सहयोग करने के लिए प्रहरी रहती है, वहीं जनपद के सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारी के साथ पुलिस द्वारा इंसाफ के बजाय अपमान और अभद्र व्यवहार की खबर सुर्खियां बटोर रही है, यह खबर किसी एक व्यक्ति की निजी शिकायत भर नहीं है, बल्कि यह उस व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल है, जिस पर आम आदमी का भरोसा टिका होता है, यह मामला पुलिस की कार्यशैली, नागरिक सम्मान और कानून के दायरे में सत्ता के व्यवहार को लेकर गंभीर बहस खड़ी करता है ।
जनपद के गांव खानपुर, तहसील छाता, निवासी हरिओम पुत्र जगदीश जो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के छाता मण्डल मंत्री हैं और प्रधान प्रतिनिधि भी है, उन्होंने छाता कोतवाली के एसओ कमलेश सिंह पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं, पीड़ित हरिओम का कहना है कि 17 दिसंबर 2025 को दोपहर करीब 12 बजे के आसपास उनके साथ थाना छाता में ऐसा व्यवहार किया गया जिसने ना सिर्फ उनके व्यक्तिगत सम्मान को ठेस पहुंचाई, बल्कि पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए ।
पीड़ित के अनुसार, गांव में मध्य प्रदेश पुलिस के पहुंचने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं, गांव के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते स्थिति स्पष्ट करने के उद्देश्य से उन्होंने होटल रॉयल गैलेक्सी में रुके मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों को फोन किया, इसके कुछ समय बाद ही उनके मोबाइल नंबर पर छाता थाने से कॉल आया जिसमें कथित तौर पर कहा गया कि “थाने आ जाओ, तुम्हारे पिता से भी बात हो चुकी है और ट्रैक्टर का सुलहनामा करवा दो।” इस कॉल को एक सामान्य प्रक्रिया समझते हुए हरिओम बिना किसी संकोच या भय के सीधे थाना छाता पहुंचे लेकिन आरोप है कि थाने में प्रवेश करते ही हालात पूरी तरह बदल गए ।
पीड़ित हरिओम का कहना है कि उनका मोबाइल फोन ले लिया गया, उन्हें अंदर बैठा दिया गया और बिना किसी लिखित कारण, नोटिस या स्पष्ट आरोप के उनसे अभद्र भाषा में बात की गई, उन्होंने कई बार यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि वे कोई अपराधी नहीं हैं, किसी भी तरह के अवैध कार्य में उनकी कोई भूमिका नहीं है और वे एक जिम्मेदार राजनीतिक पद पर रहते हुए कानून का सम्मान करते हैं इसके बावजूद उनके अनुसार, उनसे पुलिस द्वारा अपमानजनक शब्दों में बात की गई और मानसिक दबाव बनाया गया ।
उन्होंने बार-बार हाथ जोड़कर निवेदन किया कि वे वर्तमान में भाजपा के छाता मण्डल मंत्री हैं और किसी भी जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन इसके बाद भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया, जैसे वे कोई अपराधी हों, उनका आरोप है कि इस पूरे घटनाक्रम से उनकी सामाजिक छवि और मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंची है, यह मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है क्योंकि इसमें सवाल सिर्फ एक नेता के अपमान का नहीं, बल्कि आम नागरिकों के अधिकारों का भी है, अगर बिना किसी ठोस आधार के किसी व्यक्ति का फोन लिया जा सकता है, उसे घंटों थाने में बैठाया जा सकता है और उससे अभद्र व्यवहार किया जा सकता है तो यह कानून व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है।
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि जब सत्ता पक्ष के एक मण्डल मंत्री के साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा, पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से प्रार्थना पत्र देकर मांग की है कि छाता कोतवाली के एसओ कमलेश सिंह के खिलाफ निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच कराई जाए और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी वर्दी की आड़ में नागरिकों के सम्मान से खिलवाड़ नही कर सके, अब यह मामला सीधे प्रशासन की साख से जुड़ गया है, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या पुलिस प्रशासन इस शिकायत को गंभीरता से लेकर निष्पक्ष जांच करेगा या फिर यह मामला भी कागजों में दबकर रह जाएगा, क्योंकि यह सिर्फ एक खबर नहीं है बल्कि यह उस भरोसे की परीक्षा है जिसके सहारे आम नागरिक थाने का दरवाजा खटखटाता है ।







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